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भारत सरकारGOVERNMENT OF INDIA
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कृषि और किसान कल्याण मंत्रालयMINISTRY OF AGRICULTURE AND FARMER'S WELFARE
दूसरी तिमाही राजभाषा कार्यशाला का आयोजन
भा. कृ. अनु. प.- भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी में दूसरी तिमाही राजभाषा कार्यशाला “प्रशासनिक कार्यों में राजभाषा को बढ़ावा” विषय पर दिनांक 6 जून, 2019 को आयोजित की गयी। इसका मुख्य उद्देश्य संस्थान एवं इसके क्षेत्रीय शोध केन्द्र, सरगटिया के वैज्ञानिकों एवं तकनीकी अधिकारियों को अपने कार्यालयीन एवं दैनिक कार्यों में राजभाषा को अधिक से अधिक प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना एवं सुझाव देना था।
संस्थान के कार्यकारी निदेशक, डॉ. एस के वर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि सभी भाषाओँ की अपनी महत्ता है परन्तु जो भाषा जन मानस को अधिक आसानी से जोड़ सके एवं जनसंचारी हो सके, उसमे काम करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों एवं तकनीकी अधिकारियों को किसानो के लिए काम करना होता है, अतः उनको अपने लेखन एवं परिचर्चा में हिन्दी का प्रयोग करते हुए संवैधानिक दायित्वों को पूरा करना चाहिए।
डॉ हरे कृष्ण ने “राजभाषा नीति एवं राजभाषा के प्रयोग को बढ़ावा” विषय पर व्याख्यान दिया. उन्होंने अपने व्याख्यान में वैज्ञानिक लेखन में हिन्दी के प्रयोग को बढ़ाने के उपायों की चर्चा की। प्रतिभागियों को राजभाषा के प्रयोग में आने वाली समस्याओं का समाधान वाद संवाद के द्वारा किया गया। कार्यशाला में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ इन्दीवर प्रसाद ने किया। इस अवसर पर डॉ पी एम सिंह, विभागाध्यक्ष (फसल उन्नयन), डॉ आर एन प्रसाद, विभागाध्यक्ष (फसल उत्पादन), डॉ डी आर भारद्वाज, डॉ ए एन त्रिपाठी, डॉ राजशेखर रेड्डी, श्री एस के सिंह (वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी) एवं डॉ रामेश्वर सिंह उपस्थित रहे।