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भारत सरकारGOVERNMENT OF INDIA
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कृषि और किसान कल्याण मंत्रालयMINISTRY OF AGRICULTURE AND FARMER'S WELFARE
भा.कृ.अनु.प.- भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी ने मनाया अपना 28वाँ स्थापना दिवस
भा.कृ.अनु.प.- भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी ने आज दिनांक 28 सितम्बर, 2018 को अपना स्थापना दिवस मनाया। इस समारोह का शुभारम्भ मुख्य अतिथि माननीय डॉ. मंगला राय, पूर्व-सचिव, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग एवं महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डा. राय ने प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन, बीज उत्पादन द्वारा किसानों को प्राप्त होने वाले लाभों को बताया। उन्होने किसानों की आमदनी में वृद्धि के लिये उन्नत तकनीकों को अपनाने, आपदा प्रबंधन एवं संवेदी सूचना तंत्र को अपनाने के मूलमंत्रों की जानकारी दी। उन्होने कृषि, बागवानी, दुग्ध उत्पादन, अण्डा एवं मछली उत्पादन के क्षेत्र में आशातीत वृद्धि की सराहना करते हुये आय बढ़ाने की दिशा में अनुसंधान कार्य करने का अनुरोध किया। मृदा के स्वास्थ्य प्रबंधन के लिये सूक्ष्म तत्वों की आवश्यकता एवं जीवाणुओं की महत्ता को बताया। जलवायु परिवर्तन के कृषि पर प्रतिकूल प्रभाव के प्रबंधन हेतु कृषि में सूक्ष्मजीवों के अनुप्रयोग हेतु अनुसंधान कार्य करने की सलाह दी। समारोह के विशिष्ट अतिथि पूर्व उप महानिदेशक (उद्यान), डा. गौतम कल्लू ने कहा कि संरक्षित खेती कर सब्जियों की उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है। उन्होने टमाटर की फसल में विषाणुओं के प्रकोप से होने वाली आर्थिक क्षति को बताते हुये रोग रोधी किस्मों को लगाने का आग्रह किया।
इस अवसर पर भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के निदेशक, डा. बिजेन्द्र सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान की स्थापना से लेकर अब तक हुए शोध एवं विकास कार्यों के बारे में बताया। उन्होंने वैज्ञानिक शोध एवं मेरा गाँव मेरा गौरव व फार्मर्स फर्स्ट जैसे प्रसार कार्यक्रमों द्वारा किसानों को हो रहे लाभों को बताया। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि संस्थान ने अब तक सब्जियों की 68 किस्मों को विकसित किया है जिसमें से 39 किस्मों के प्रजनक बीज का उत्पादन किया जा रहा है। कटाई उपरान्त प्रौद्योगिकी के अन्तर्गत ब्रोकली के परिरक्षण हेतु तकनीक विकसित की गयी है जिसमें ब्रोकली को 49 दिनों तक 3-10 डिग्री सेल्शियस तापक्रम पर भण्डारित किया जा सकता है। इस अवसर पर दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केन्द्र, अन्तर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, वाराणसी के निदेशक डा. यू.एस. सिंह भी उपस्थित रहे ।
इस अवसर पर प्रगतिशील किसानों में मल्लूडीह, कुशीनगर के श्री हरिनारायण कुशवाहा एवं धानापुर के श्री प्रेम कुमार सिंह व श्रीमती रमा देवी एवं रामरक्षा (भालूकूदर) व श्रीमती सुनीता देवी (पटरज) को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर वाराणसी एवं सोनभद्र जिलों के 450 किसान उपस्थित रहे। इस अवसर पर संस्थान में विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु डॉ. अवधेश बहादुर राय, प्रधान वैज्ञानिक (सब्जी फसल संरक्षण), कृषि प्रसार हेतु डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, कृषि विज्ञान केन्द्र (भदोही) एवं डॉ. अनुराधा रंजन, कृषि विज्ञान केन्द्र (देवरिया) , तकनीकी वर्ग में श्री सुभाष चन्द्र एवं प्रशासनिक वर्ग में श्री सुशील गुप्ता एवं सह कर्मचारी वर्ग में श्री जटाशंकर पाण्डेय को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।