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भारत सरकारGOVERNMENT OF INDIA
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कृषि और किसान कल्याण मंत्रालयMINISTRY OF AGRICULTURE AND FARMER'S WELFARE
भा.कृ.अनु.प.-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी द्वारा विकसित तकनीक से हरी मिर्च का पाउडर बनेगा हिमाचल में
भा.कृ.अनु.प.- भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी द्वारा हरी मिर्च का पाउडर बनाने की तकनीक विकसित की गई है जिसका पैटेंट भी भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान,वाराणसी के नाम से है। अभी तक बाज़ार में आम तौर पर लाल मिर्च का पाउडर सुगमता से उपलब्ध है जबकि हरी मिर्च के अपने नैसर्गिक रंग का हरा मिर्च पाउडर नही। खास बात यह कि इस तकनीक से तैयार हरी मिर्च के पाउडर में 30% से अधिक विटमिन ‘सी’, 94-95% क्लोरोफिल तथा 65-70 % कैप्ससिन भी विद्यमान रहता है और इस प्रकार से तैयार हरी मिर्च पाउडर को सामान्य तापमान पर कई महीनो तक सुरक्षित रूप से भंडारित किया जा सकता है। इसके अनूठेपन तथा उपयोगिता को देखते हुए हिमाचल प्रदेश की कंपनी मेसेर्स होलटेन किंग, हिमाचल प्रदेश ने इसको वृहद स्तर पर तैयार करने की इच्छा ज़ाहिर की।
संस्थान के निदेशक डॉ. तुषार कान्ति बेहेरा ने मेसेर्स होलटेन किंग कंपनी के प्रतिनिधि श्री यशोदा नन्द गुप्ता से इसके गुणवत्ता मानकों व विपणन पर चर्चा किया। ड़ॉ. बेहेरा ने कहा कि संस्थान अपनी उन्नत तकनीकों को हितग्राहियों तक पहुँचाने के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप को बढ़ावा दे रहा है। उन्होने निजी कंपनियों के साथ पी.पी.पी. माध्यम से कार्य करने हेतु अनुबंधों को प्रभावी बनाने की बात बतायी। इसी के तहत भा.कृ.अनु.प.- भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान,वाराणसी एवं हिमाचल प्रदेश के ऊना स्थित कंपनी मेसेर्स होलटेन किंग के बीच मंगलवार दिनांक 5 अप्रैल 2022 को एक अनुबन्ध पर हस्ताक्षर किए गए। अनुबन्ध के अनुसार भा.कृ.अनु.प.-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान,वाराणसी मेसेर्स होलटेन किंग को हरी मिर्च के पाउडर बनाने के तकनीकी हस्तांतरित करेगी और मेसेर्स होलटेन किंग इस तकनीक का इस्तेमाल करके बाज़ार में हरी मिर्च का पाउडर उपलब्ध कराएगी।
संस्थान ने इस अवसर पर पूर्वांचल के किसानों को मेसेर्स होलटेन किंग कम्पनी के साथ जोडा है जिससे इस क्षेत्र में उत्पादित होने वाली हरी मिर्च को इस कम्पनी द्वारा सीधे क्रय किया जायेगा। इससे किसानों के उत्पाद की मांग बढ़ेगी एवं उसका मूल्य भी अच्छा मिलेगा जिससे आमदनी में बढ़ोत्तरी हो सकेगी।
इस अवसर पर विभागाध्यक्ष (फसल उन्नयन) एवं अध्यक्ष, कृषि व्यापार उद्भवन इकाई डा. प्रभाकर मोहन सिंह, विभागाध्यक्ष (फसल उत्पादन) डॉ. राज बहादुर यादव, विभागाध्यक्ष (फसल सुरक्षा) डॉ. के. के. पाण्डेय एवं संस्थान के अन्य वैज्ञानिक एवं तकनीकी कर्मचारी उपस्थित रहे।