बदलता बनारस - कृषि जागरुकता अभियान

Sat, 15 December 2018

ग्रामसभा : लोहता, भटठी, धन्नीपुर, महमूदपुर, भिटारी, भरथरा, घमहापुर एवं केराकतपुर
न्याय पंचायत : लोहता
ब्लाक : काशी विद्यापीठ
जिला : वाराणसी
प्रदेश : उत्तर प्रदेश
दिनांक : दिसंबर 15 ,2018
समिति : डॉ राकेश कुमार दुबे, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं नोडल ऑफिसर
: डॉ सुधाकर पाण्डेय, प्रधान वैज्ञानिक
: श्री के के गौतम, वैज्ञानिक
: डॉ रामेश्वर सिंह
: श्री आर के चौबे
: श्री मनीष पाण्डेय
: श्री मनीष सिंह

“बदलता बनारस, कृषि जागरण अभियान” कार्यक्रम के तहत भा. कृ. अनु. प. - भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी द्वारा बनारस के ग्रामीण अंचलो में कृषि गोष्ठी द्वारा सब्जी उत्पादन एवं नई तकनीकी का आगाज किया गया| जो बदलते बनारस को नई ऊचाईयों पर ले जाने में मील का पत्थर साबित हो रहा है | इस कड़ी में दिनांक 15 दिसंबर, 2018 को काशी विद्यापीठ ब्लाक के अंतर्गत न्याय पंचायत लोहता में कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया | इस न्याय पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्रामसभा लोहता, भटठी, धन्नीपुर, महमूदपुर, भिटारी, भरथरा, घमहापुर एवं केराकतपुर ग्राम सभा से प्रधान सबीना बानो, सुजीत यादव, रिजवानो बानो, सरवर अंसारी, हीरावती देवी, नागेन्द्र यादव, पूजा देवी, मुनक्का एवं उनके प्रतिनिधि सहित लगभग तीन सौ पचास किसानो ने बड़े उत्साह के साथ प्रतिभाग किया एवं इस गोष्ठी की प्रसंशा की | कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यवाहक निदेशक डॉ एस के वर्मा ने किया | अपने संबोधन में निदेशक ने किसानो से उच्च गुणवता वाली प्रजातियों, तकनीको एवं कम लागत से अधिक आय वाली फसलों को लगाने की अपील की | साथ ही वैज्ञानिको के संपर्क में रहकर क्षेत्र के किसान से अपनी उत्पादकता, आय को बढाने की अपील किया | साथ ही साथ फ़सल विविधिकरण पर भी जोर दिया, जल प्रबंधन,पोषक तत्व प्रबंधन, फ़सल अवशेष प्रबंधन एवं वर्मी कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना की जानकारी प्रदान की | कार्यक्रम में सब्जियों की संकर प्रजातियों के प्रयोग, कद्दू वर्गयीय सब्जियो, कम पानी से अधिक उत्पादन, रोग, कीड़ो , खरपतवार से फ़सल सुरक्षा, मूल्यसंवर्धन आदि विषयों पर संस्थान के डॉ सुधाकर पाण्डेय, प्रधान वैज्ञानिक ने जानकारी दिया | गोष्ठी में उत्पादकता बढाने, कृषि लागत में कटौती, लाभकारी आय स्रोत, जोखिम प्रबंधन, प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग, अल्प – प्रचलित सब्जियां जैसे पंखियाँ सेम, ग्वालिन, जलीय सब्जी कमल, सिंघारा, कलमी साग, बाकला, बेबीकॉर्न, स्वीटकॉर्न की खेती, नीम कोटेड यूरिया, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, जैविक खेती, फ़सल विविधिकरण, इ-बाजार, फ़सल बीमा योजना, डेरी, पशुपालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, हर मेड पर पेड़, लाभ प्रद बागवानी व मछली पालन जैसी सहायक गतिविधियों से होने वाले लाभ, सब्जी उत्पादन एवं सब्जी बीज उत्पादन द्वारा दोहरी कमाई के बारे में संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ राकेश कुमार दुबे ने विस्तार से किसानो को जानकारी दी | क्षेत्रीय प्रबंधक (पूर्व), विमको इंडस्ट्रीज एवं कृषि शिक्षा कार्यक्रम माइक्रोटेक कॉलेज,वाराणसी के संयोजक डॉ. राकेश सिंह ने कृषि के साथ फल उत्पादन के लाभ, वैज्ञानिक विधि से खेती, नकदी फसलो की खेती, प्रसंस्करण एवं मूल्य संबर्धन पर जानकारी दिया | डॉ रामेश्वर सिंह ने कम लागत से अधिक आय के बारे में जानकारी दी | ग्राम प्रधान व उनके प्रतिनिधि उपस्थित रह कर केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों की प्रशंसा की | उपस्थित किसानो को उच्चगुवत्ता वाली सब्जी बीजो के मिनीकिट का वितरण किया गया | किसानो ने भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी के इस पहल को काफी उचित बताया, कहा की संस्थान ने बदलते बनारस के परिवेश में एक नया अध्याय जोड़कर किसानो की आय बढाने के लिए सुनहरे पंख लगा रहा है | संस्थान से अधिकारी डॉ पी ऍम सिंह, डॉ के के पाण्डेय, आर के चौबे, मनीष पाण्डेय एवं मनीष सिंह उपस्थित रहे | संचालन एवं धन्यबाद ज्ञापन नोडल अधिकारी डॉ राकेश कुमार दुबे ने किया |